निर्माण अनुभाग
निर्माण के अभियन्त्रण अनुभाग का संक्षिप्त विवरण
निगम विगत 38 वर्षो से अभियन्त्रण कार्य सम्पादित करा रहा है। पूर्व के वर्षो में निगम द्वारा सम्पादित कराये गये कुछ मुख्य कार्य निम्नवत् हैं :-
इंजीनियर्स काम्पलेक्स, रायबरेली।
केमिकल काम्पलेक्स, बाराबंकी।
एच.ए.एल. एन्सिलरी इस्टेट, लखनऊ।
स्कूटर इण्डिया एन्सिलरी इस्टेट, लखनऊ।
बी.एच.ई.एल. एन्सिलरी इस्टेट, झांसी ।
बी.एच.ई.एल. एन्सिलरी इस्टेट, हरिद्वारा ।
औद्योगिक शेड तथा औद्योगिक आस्थान, मऊनाथ भंजन, रसड़ा, गाजीपुर तथा मऊरानीपुर, सराय एसर, इटावा।
निर्माण कार्य
इस कार्यो के साथ-साथ शासनादेश संख्या 6459/18-2-25/25/(59)/84 दिनांक 30 अगस्त, 1986 द्वारा विकास खण्ड स्तर पर मिनी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना हेतु निगम को उद्योग विभाग की निर्माण एजेन्सी नामित किया गया तथा इलाहाबाद मण्डल में मिनी औद्योगिक आस्थानों के निर्माण का दायित्व सौंपा गया। इसके तदक्रम में उद्योग निदेशालय द्वारा पत्रांक 4556-611/11 औद्योगिक आस्थान बरेली (रखरखाव) दिनांक 25.09.1989 द्वारा निगम को प्रदेश के अन्तर्गत स्थापित बृहद औद्योगिक आस्थानों एवं मिनी औद्योगिक आस्थानों के रखरखाव एवं मरम्मत कार्य हेतु गोरखपुर मण्डल, वाराणसी मण्डल, इलाहाबाद मण्डल, आगरा मण्डल, झांसी मण्डल, फैजाबाद मण्डल एवं कुमायूं मण्डल के लिए निर्माण एजेन्सी नामित किया गया। शासनादेश संख्या 1139/38-5-08-78सम/07 टीसी ग्राम्य विकास अनुभाग-5, लखनऊ दिनांक 16.06.2008 द्वारा ग्रामीण पेयजल योजना (जिला योजना) के अन्तर्गत वाटर रिचार्जिंग कार्यो हेतु निगम को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। निगम को शासनादेश संख्या 879/18-5-2009-42क/2004, लघु उद्योग अनुभाग- 5, लखनऊ दिनांक 17.08.2009 द्वारा लघु उद्योग के विभागीय कार्यो को कराये जाने हेतु विभागीय निर्माण एजेन्सी भी घोषित किया गया है।
निगम में अभियन्त्रण कार्यो हेतु दक्ष तकनीकी स्टाफ नियुक्त है तथा विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत आवंटित कार्यो की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक बुनियादी ढॉचा उपलब्ध है। निगम में एक अधीक्षण अभियन्ता, एक वरिष्ठ अधिशाषी अभियन्ता, पाँच अधिशाषी अभियन्ता, 11 सहायक अभियन्ता, 16 अवर अभियन्ता सिविल कार्यो हेतु तथा 1 सहायक अभियन्ता विद्युत, 5 अवर अभियन्ता, 1 फोरमैन एवं 2 इलेक्ट्रीशियन विद्युत कार्यो हेतु उपलब्ध हैं।
निगम के अभियन्त्रण अनुभाग द्वारा मेडिकल कालेज, कानपुर के ऑडीटोरियम का नवीनीकरण कार्य एवं मेडिकल कालेज से सम्बद्ध एल.एल.आर एवं एशोसियट हास्पिटल के रखरखाव एवं नवीनीकरण के रू० 1.50 करोड़ वर्ष 2006-07 में सम्पादित कर हस्तान्तरित किये जा चुके हैं।
अत्यन्त महत्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला जो प्रतिवर्ष 14 नवम्बर से 27 के मध्य प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है, उसमें उ0प्र0 मण्डप की साजसज्जा व रखरखाव का कार्य भी निगम विगत 7 वर्षो से कराता आ रहा है और वर्ष 2011-12 का कार्य करा रहा है।
निगम वर्ष 1996 से भारत सरकार की सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना एवं विधायक निधि से प्रस्तावित निर्माण एवं विकास कार्य प्रदेश के विभिन्न जनपदों कानपुर नगर, फतेहपुर, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा, हमीरपुर, बाराबंकी में करा रहा है। वर्ष 2008-09 में निगम द्वारा रू० 23.31 करोड़ के विभिन्न निर्माण कार्य जिसमें भवन, सड़कें पुल, पुलिया, हैण्डपम्प आदि के कार्य पूर्ण कराये हैं तथा वर्ष 2009-10 में रू० 32.86 करोड़ के कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं वर्ष 2010-11 में रू० 48.82 करोड़ के कार्य पूर्ण कराये गये हैं तथा वर्ष 2011-12 में अगस्त माह तक रू० 15.44 करोड़ के कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं तथा रू० 66.79 करोड़ के कार्य प्रगति पर हैं। निगम चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, परिवार कल्याण महानिदेशालय, उ० प्र० शासन लखनऊ के पत्र संख्या प.क./भण्डार/सी.एम.एस.डी/20/2009/340 दिनांक 28.08.2009 द्वारा प्रदेश के जनपद स्तरीय 133 चिकित्सालयों में रू० 19.9367 करोड़ व्यय कर सेफ ड्रिंकिंग वाटर सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु कार्यदायी संस्था नामित किया है। कार्य लखनऊ पूर्ण हो गया है।
निगम गोरखपुर औद्योगित विकास प्राधिकरण (गीडा) गोरखपुर की निर्माण एजेन्सी है तथा निगम को गीडा, गोरखपुर से वर्ष 2011-12 में अगस्त माह तक लगभग रू० 22.00 करोड़ प्राप्त हुए हैं जो प्रगति पर हैं।
निगम गोरखपुर औद्योगित विकास प्राधिकरण (गीडा) गोरखपुर की निर्माण एजेन्सी है तथा निगम को गीडा, गोरखपुर से वर्ष 2011-12 में अगस्त माह तक लगभग रू० 22.00 करोड़ प्राप्त हुए हैं जो प्रगति पर हैं।
निगम द्वारा वर्ष 2007-08 एवं 2008-09 में उद्योग निदेशालय के 16 औद्योगिक आस्थानो के उच्चीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु रू0 398.00 लाख प्राप्त हुआ था जिसका कार्य पूर्ण कर हस्तान्तरित किया जा चुका है। निगम को वर्ष 2010-11 में उद्योग निदेशालय के उ0प्र0 के सात औद्योगिक आस्थानों के उच्चीरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु रू0 2.00 करोड़ के कार्य एवं धनराशि प्राप्त हुई है तथा जनपद चित्रकूट, हाथरस, अम्बेडकर नगर एवं सन्त रविदास नगर में जिला उद्योग केन्द्र बनाने हेतु रू0 178.30 लाख की धनराशि प्राप्त हुई है, जिसके विरूद्ध अम्बेडकर नगर एवं सन्त रविदास नगर के जिला उद्योग केन्द्रों का कार्य पूर्ण कर महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र को हस्तान्तरित किये जा चुके हैं, जनपद चित्र का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है तथा जनपद हाथरस में स्थान उपलब्ध न हो पाने के कारण कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका है। इसके स्थान पर किसी अन्य स्थान पर जिला उद्योग केन्द्र बनाने हेतु जगह उपलब्ध कराने का प्रस्ताव निगम द्वारा उद्योग निदेशालय को प्रेषित किया गया है जो लम्बित है।
एसाइड योजना के अन्तर्गत निगम द्वारा उ0प्र0 निर्यात निगम के सहारनपुर स्थित वुड सीजनिंग प्लान्ट का आधुनिकीकरण का कार्य रू0 252.98 लाख का पूर्ण कराया गया है।
शासन ने अपने पत्र संख्या 2793/18-4-2010 लघु उद्योग अनुभाग – 4 लखनऊ दिनांक 10.08.2010 द्वारा संचालित MSE-CDP (Micro & Small Enterprises- Cluster Development Project) जिसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास हेतु भारत सरकार सहायता उपलब्ध करा रही है के 58 प्रोजेक्ट्स की इम्प्लीमेंटिंग एजेन्सी उ0प्र0 लघु उद्योग निगम को नामित किया है। इस योजना के अन्तर्गत औद्योगिक आस्थान रनिया जिला रमाबाई नगर, औद्योगिक आस्थान परतापुर मेरठ, औद्योगिक आस्थान नुनहाई आगरा, औद्योगिक आस्थान शिकाहाबाद फिरोजाबाद एवं औद्योगिक आस्थान बिन्दकी फतेहपुर की परियोजनाओं को भारत सरकार द्वारा Inprincipal Approval प्रदान कर दी गई है तथा इन प्रोजेक्ट्स की लागत रू० 2906.00 लाख है। इन पाँचों प्रोजेक्ट्स की DPR सिडबी से अप्रैज कराकर विकास आयुक्त, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम भारत सरकार को प्रेषित की जा चुकी है जिसके विरूद्ध रू० 12.50 लाख का भुगतान उ० प्र० लघु उद्योग निगम को विकास आयुक्त, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त होना है।
अभियन्त्रण अनुभाग में ठेकेदारों का ही पंजीकरण किया जाता है।
निगम में सिविल कार्यो हेतु ठेकेदारी का कार्य करने के इच्छुक ठेकेदारो के पंजीकरण की व्यवस्था निम्नानुसार निर्धारित की जाती है।
क्र० सं० | श्रेणी | निविदा डालने हेतु कार्य की अधिकतम | फार्म शुल्क | पंजीकरण शुल्क | वैधता वर्षो में | हैसियत लाख में |
1. | A | रू० 50 लाख से अधिक | 500/- | 40,000/- | 2 वर्ष | 15.00 |
2. | B | Upto50 लाख | 300/- | 25,000/- | 2 वर्ष | 10.00 |
3. | C | upto25 लाख | 200/- | 15,000/- | 2 वर्ष | 05.00 |
4. | D | Upto10 लाख | 100/- | 8,000/- | 2 वर्ष | 02.00 |
यह आदेश तत्काल से तत्काल प्रभावी होंगे तथा इसके अतिरिक्त निगम में अन्य व्यवसायों हेतु पूर्व के आदेश संख्या 14 दिनांक 20.01.1995 लागू रहेगा।