किराया क्रय अनुभाग की कार्य शैली
किराया क्रय योजना के अन्तर्गत लघु उद्योग उद्यमियों का विकसित करने के लिए मशीनों के रूप में ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यह योजना वर्ष 1964-65 में प्रारम्भ की गई थी जिसके अन्तर्गत शासन से प्राप्त ऋण के रूप में धन प्राप्त कर उद्यमियों को उपलब्ध कराया जाता है। जिसको एक वर्ष में उद्योग स्थापित करने के लिए 09 (नौ) छमाही किस्तों साढे चार वर्ष में ब्याज सहित धन-निगम को वापस करना था।
वर्ष 1986-87 में शासन से ऋण प्राप्त न होने के एवं अपरिहार्य कारणों से यह योजना बन्द कर दी गयी है। नियम की बकाया धनराशि वसूलने हेतु निगम के समस्त क्षेत्रीय कार्यालयों से कार्यवाही सम्पादित की जा रही है।
वर्तमान समय में एक अन्य योजना जिसकी अवधि दिनांक, 31.10.2007 तक है निगम के समस्त क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा चलाई जा रही है, जिसके अन्तर्गत यदि इकाई एक मुक्त समझौता करना चाहहती है तो शासन प्रेषित इकाई में ब्याज में 75% की छूट एवं बैंक पोषित ऋणों पर 12% ब्याज लगाते हुए ब्याज में 50% छूट का लाभ इकाइयों को दिया जा रहा है।