हमारे बारे में
प्रदेश की लघु औद्योगिक इकाईयों के वृहद विकास के उद्देश्य से उ.प्र. लघु उद्योग निगम की स्थापना जून, 1958 में एक पूर्ण शासकीय स्वामित्वाधीन कम्पनी के रूप में हुयी थी। निगम अपने उद्देश्यों की पूर्ति हेतु प्रदेश की लघु औद्योगिक इकाईयों को कच्चा माल की उपलब्धता से लेकर उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं के विपणन तक के क्षेत्र में सहायता प्रदान कर रहा है। उ.प्र. लघु उद्योग निगम ही प्रदेश सरकार का एक मात्र निगम है जो प्रदेश की एम.एस.एम.ई. इकाईयों के वृहद विकास हेतु प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित किया गया है जिसका संकल्प भारत सरकार के एम.एस.एम.ई. एक्ट 2006 में दोहराया गया है जिससे प्रदेश के औद्योगिक विकास में भागीदारी बढ़ायी जा सके।
- अधिकृत पूंजी :रु. 25.00 करोड़
- चुकता पूंजी :रु. 5.96 करोड़
स्थापना का उद्देश्यः-
- विभिन्न प्रकार के कच्चे माल जैसे लौह एवं इस्पात, अलौह, धातुएं/स्क्रेप, कोयला आदि लघु इकाईयों को उपलब्ध कराना।
- पूर्व में निगम द्वारा निदेशालय के औद्योगिक आस्थानों को स्थापना एवं अनुरक्षण।
- लघु उद्यमियों को विपणन सहायता उपलब्ध कराना।
- लघु इकाईयों को किराया क्रय योजना के अधीन मशीनों की आपूर्ति।
- आयातित कच्चे माल एवं मशीनों की इकाईयों की विशिष्ट मांग पर आपूर्ति
- पिछड़े क्षेत्रों में औद्योगिक आस्थान एवं संकुल समूहों की स्थापना।
- प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में संयुक्त क्षेत्र के अधीन अंशपूंजी में सहभागीदारी के अन्तर्गत उद्योगों की स्थापना।