विपणन सहायता योजना

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1. Item Reserved For Purchase और देखें
2. महत्वपूर्ण शासनादेश और देखें

निगम द्वारा प्रदेश की विभिन्न लघु एवं टाइनी उद्योग इकाईयों के लिए एक विपणन सहायता योजना संचालित की जाती है। इस योजना के अन्तर्गत निगम द्वारा छोटी-छोटी इकाईयों द्वारा उत्पादित माल को शासकीय, अर्द्धशासकीय विभागों में अपने माध्यम से विक्रय कराया जाता है। निगम द्वारा छोटी-छोटी इकाईयों के लिए प्रदेश में निकलने वाली विभिन्न निविदाओं में भाग लिया जाता है क्योंकि छोटी-छोटी इकाईयों निविदाओं में मॉगी जाने वाली धरोहर धनराशि तथा सुरक्षा धनराशि जमा करने में सक्षम नहीं होती है परन्तु निगम को धरोहर तथा सुरक्षा धनराशि में छूट शासन द्वारा प्राप्त है इस कारण इसका सीधा लाभ इकाईयों को प्राप्त होता है।

(1) विपणन सहायता योजना

पंजीकरण हेतु पात्रता

  • +इकाई वास्तव में उत्पादनरत हो।
  • +इकाई को अपने संबंधित जिला उद्योग केंद्र में लघु उद्योग इकाई के रूप में पंजीकृत होना आवश्यक है।
  • +इकाई को अपनु उद्योग से संबंधित तकनीकी व व्यवसायिक कार्य का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए।
  • +इकाई का उत्पाद भारतीय मानकों के अनुरूप होना चाहिए तथा गुणवत्ता नियंत्रण का समुचित प्रबन्ध भी होना चाहिए।
  • +इकाई को क्रयता की मांग के अनुरूप उत्पादो की आपूर्ति करने की क्षमता होनी चाहिए।

पंजीकरण विधि

इकाई को निगम द्वारा निर्धारित रू० 100/- के आवेदन-पत्र पर मांगी गई सूचनाओं के साथ निगम के मुख्यालय एवम् निकटतम क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, इलाहाबाद, आगरा, लखनऊ में निम्न संलग्नकों के साथ आवेदन पत्र जमा कर सकती है। इच्छुक इकाईयों का निगम में पंजीयन पूरे वर्ष खुला रहेगा। इच्छुक इकाईयां जब चाहें पंजीकरण करा सकती हैं।

  • अ- एस०एस०आई० पंजीकरण प्रमाण पत्र की सत्यापित छायाप्रति।
  • ब- बिक्रीकर पंजीकरण प्रमाण पत्र की सत्यापित छायाप्रति।
  • स- आवेदन पत्र के साथ संलग्न संधि पत्र (एग्रीमेंट) के रू० 100-00 के जनरल स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर कर जमा कराना होगा।
  • द- रू० 1000-00 का बैंक ड्राफ्ट उ०प्र० लघु उद्योग निगम लि० के नाम शुल्क के रूप में जमा कराना होगा।
  • य- यदि इकाई आई०एस०आई० अथवा क्वालिटी मार्के‍टिंग (गुणवत्ता चिंहाक) योजना के अन्तर्गत पंजीकृत है तो उसके प्रमाण पत्र की सत्यापित छायाप्रति।
  • र- इसके अतिरिक्त यदि अन्य कोई प्रमाण पत्र जो इकाई के लिए आवश्यक हो जैसे पार्टनरशिप डीड, आयकर पंजीकरण, फैक्टरी एक्ट पंजीकरण आदि प्रमाण पत्रों की छायाप्रति।
  • ल- यदि इकाई का पंजीकरण उद्योग निदेशालय, उ०प्र० के सामग्री क्रय योजना के अन्तर्गत है तो उसके वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र की छाया-प्रति।
  • उक्त समस्त अभिलेखों को निगम में जमा कराने के उपरान्त निगम के अधिकारी द्वारा इकाई की कार्यशाला का निरीक्षण किया जायेगा तथा निरीक्षणकर्ता अधिकारी से आख्या प्राप्त होने के उपरांत इकाई का पंजीकरण निगम में किया जाता है।

पंजीकृत इकाईयों को लाभ

  • अ- राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के विभिन्न शासकीय व अर्द्धशासकीय विभागों से प्राप्त निविदा सूचनाओं को संबंधित वस्तु का उत्पादन करने वाली पंजीकृत को नि:शुल्क प्रेषित की जाती है।
  • ब- निविदा में निगम के माध्यम से भागीदारी करने पर उ०प्र० शासन द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार जमानत की धनराशि में छूट।
  • स- निविदा में ली जाने वाली अग्रिम धनराशि (अरनेस्ट मनी) से छूट।
  • द- उ०प्र० शासन द्वारा जारी शासनादेश 1098/18-5-2000-71क/99 दि० 1-7-2000 एवं शासनादेश 499/18-5-2004-71क/99 दि० 26-6-2004 द्वारा निगम को एन०एस०आई०सी० के समान प्राथमिकता प्रदान किये जाने तथा निगम के पक्ष में 350 आईटमों को विभिन्न शासकीय/अर्द्धशासकीय विभागों में आपूर्ति हेतु सुरक्षित किया गया है।

विपणन सहायता योजना के अन्तर्गत निगम के विपणन अनुभाग द्वारा वर्ष 2010-11 के लक्ष्य रू० 194.00 करोड़ के विरूद्ध विभिन्न आइटमों की रू० 185.04 करोड़ की आपूर्ति की गई है तथा वर्ष 2011-12 के लक्ष्य रू० 203.00 करोड़ के विरूद्ध माह अगस्त 11 तक रू० 54.30 करोड़ की आपूर्ति की जा चुकी है।